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नेपाली pmकेपी शर्मा ओली (Kp Sharma Oli) शर्मा का विवादित बयान कहा नेपाल में हुई थी योग की उत्पत्ति. |
पूर्व में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ तोड़ मरोड़ किया गया,बोले – फिर से लिखेंगे इतिहास. |
हिमालयी जड़ी बूटियों का शोध नेपाली ऋषियों मुनियों ने किया था. |
नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली अपने विवादास्पद बयान बाजी के चलते सुर्खियों में रहते हैं, आपको ज्ञात होगा कि कुछ दिनों पहले ओली शर्मा ने एक विवादास्पद बयान दिया था कहा था – भगवान राम का जन्म भारत के अयोध्या में नहीं बल्कि नेपाल के चितवन जिले में स्थित अयोध्यापुरी में हुआ था, एक बार फिर नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली विवादास्पद बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं.
काठमांडू : दुनिया भर में आज यानी सोमवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (Kp Sharma Oli) ने मीडिया से बात करते हुए यह दावा किया कि योग की उत्पत्ति भारत में नहीं बल्कि उनके देश नेपाल में हुई है, इतना ही नहीं केपी शर्मा ओली ने अपने उस पुराने विवादास्पद बयान को भी दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि भगवान राम का जन्म उत्तर प्रदेश के अयोध्या में नहीं बल्कि नेपाल में हुआ है ।
योग की उत्पत्ति नेपाल या उत्तराखंड में हुई
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (Kp Sharma Oli)अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक राष्ट्र के रूप में भारत के अस्तित्व से बहुत पहले नेपाल में योग का अभ्यास किया जाता था और आज तक अनवरत जारी है, योग की उत्पत्ति भारत में नहीं हुई थी जब योग की खोज हुई थी तब तक भारत का गठन भी नहीं हुआ था भारत जैसा कोई और देश नहीं था, क्योंकि नेपाल में योग के प्रचलन में आने के समय कई सीमांत राज्य थे तो इस अनुसार योग की उत्पत्ति नेपाल या उत्तराखंड के आसपास हुई है परंतु यह कहना उचित नहीं होगा कि योग की उत्पत्ति भारत में हुई है ।
भारत में नहीं हुआ आयुर्वेद का शोध
ओली ने कहा कि नेपाल प्रसिद्ध संतो और पतंजलि कपिल मुनि चरक जैसे महर्षि यों की भूमि है, हमारे नेपाली संतों ने हिमालय पर्वत पर जाकर जड़ी बूटियों के बारे में अध्ययन किया उनका शोध किया तब जाकर आयुर्वेदिक औषधियों के महत्व को जाना गया, इसके बाद सभी जड़ी बूटियों को बनारस लाया गया अर्थात आयुर्वेद का शोध भी हमारे नेपाल में ही हुआ है, ओली ने कहा कि विश्वामित्र जैसे प्रसिद्ध संत नेपाल में ही पैदा हुए थे उन्होंने हमारी भूमि में कई मंत्र विकसित किए, ये वही विश्वामित्र थे जिन्होंने प्राचीन काल में नेपाल में भगवान राम और लक्ष्मण को विभिन्न प्रकार की शिक्षा प्रदान की थी, केपी शर्मा ओली ने आगे कहा कि यह सभी ऐतिहासिक और धार्मिक तथ्य इतिहास में विकृत किए गए थे लेकिन अब हम इन्हें ठीक करने पर विचार विमर्श कर रहे हैं हमे फिर से इतिहास लिखने की आवश्यकता है, सच बोलने से कोई संकोच नहीं करना चाहिए ।