बाराबंकी में दलित लड़की के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में बाराबंकी पुलिस ने प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, पुलिस ने दावा किया है कि इस हत्याकांड के प्रमुख आरोपी दिनेश कुमार गौतम नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाराबंकी पुलिस अधीक्षक के अनुसार पूछताछ के दौरान आरोपी ने गुनाह कबूल कर लिया है.
उल्लेखनीय है कि नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म के बाद धान के खेत में उसकी हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद पीड़िता के परिजनों ने पुलिस के कार्यशैली पर संदेह व्यक्त किया था.
इस केस के प्रमुख आरोपी दिनेश कुमार गौतम घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गया था बाराबंकी पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया था. बाराबंकी पुलिस ने बताया कि जमीनी सबूतों एवं डिजिटल सबूतों के आधार पर इस घटना का खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी की उम्र 19 वर्ष है. पुलिस ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने घटना में संलिप्त होना स्वीकार कर लिया है. उधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 को बढ़ा दिया था।
अवगत कराते चलें कि बाराबंकी में नाबालिग दलित लड़की के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को अर्धनग्न अवस्था में धान के खेत में फेंक दिया गया था. इसके बाद शुरू से ही पीड़िता के परिजन रेप के बाद हत्या की आशंका जता रहे थे परंतु पुलिस इस मामले को दबाना चाह रही थी. पीड़ि ता की पीएम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस को आईपीसी की धारा बढ़ानी पड़ी थी ।
पीड़िता के पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस हमारे ऊपर जल्द अग्नि संस्कार करने के लिए दबाव बना रही थी. हमारे घर वालों को पुलिस पकड़ कर ले गई. हमारी लड़की भी मरी है और पुलिस हम पर अत्याचार भी कर रही है ।
मृतका की मां ने भी पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस हम पर दबाव बना रही है. गांव के किसी सदस्य ने आकर हमारे पति से बताया कि बेटी की लाश पड़ी है. उस समय रात्रि के 8:00 बज रहे थे हम लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो बेटी की हालत देखकर हम लोगों की चीख निकल गई आरोपियों ने बड़े ही निर्ममता से हमारी बेटी की हत्या कर दी थी. उसके हाथ और पैर को बांधकर फेंक दिया गया था. मृतका की मां ने कहा कि उसके चेहरे और गले पर गंभीर जख्म थे. पीड़िता की मां ने बताया बेटी की लाश अर्धनग्न अवस्था में पड़ी थी. पीड़िता की मां ने बताया कि बिटिया धान काटने को घर से निकली थी परंतु वापस नहीं आई. हमें नहीं मालूम इस मामले में कौन सा केस दर्ज हुआ, हम मौके पर पहुं चे तो हमारी मनस्थिति कुछ देखने समझने की नहीं थी. हम बेसुध थे. हमारी मदद के लिए ना कोई प्रशासन आया ना तो कोई सहायता मिली.