केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का जनक है उसको अपनी आतंकवाद निति बदलनी होगी, हाँ ओ आतंकवाद से निपटने में अपने आप को पूर्ण रूप से कमजोर समझ चुका है तो इस मुद्दे पर हम अपने पड़ोसी की सहायता करने के लिए तैयार हैं,न्यूज एजेंसी एएनआई से एक्सक्लूसिव बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर पाकिस्तान खुद को अक्षम महसूस करता है तो भारत आतंकवाद को रोकने के लिए सहयोग करने को तैयार है।’ हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि अगर उसका मकसद आतंकवाद का इस्तेमाल कर भारत को अस्थिर करना है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे,भारत आतंकवाद के मुद्दे पर जीरो टोलरेंस की निति पर कायम है.एक चेतावनी उन्होंने एक सप्ताह पूर्व भी दिया था ये दूसरी चेतावनी है ,कि हम सीमा पार करके भागने वाले किसी भी आतंकवादी का पीछा करके माँरेंगे ,अगर वे पाकिस्तान भागेंगे तो हम उन्हें मारने के लिए पाकिस्तान में घुसेंगे.
केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ये टिपण्णी ब्रिटिश न्यूज़ द गार्जियन की एक रिपोर्ट के संदर्भ में थी, जिस लेख में कहा गया था कि भारत अब किसी भी आतंकवादी को नहीं छोड़ेगा एजेंट्स के माध्यम से किसी भी देश में छिपे आतंकियों को उनके ही देश में मारने का काम करेगा द गार्जियन की रिपोर्ट में कनाडाई नागरिक और प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया था ,और जितने भी भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी पाकिस्तान के अन्दर गैंग वार में मारे गए हैं उन सभी लक्षित हत्याओं में भी भारत की संलिप्तता बताई गयी है,द गार्जियन की इस रिपोर्ट पर भारत सरकार ने संज्ञान लेते हुए इस दावे को झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार” बताकर खारिज कर दिया है,अपने खंडन में विदेश मंत्रालय ने एस जयशंकर के एक बयान का हवाला दिया जिसमे उन्होंने कहा था कि विदेशी धरती पर लक्षित हत्याएं “भारत सरकार की नीति नहीं है”.
द गार्जियन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फरवरी 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सैनिकों पर हमले के बाद से भारत सरकार द्वारा विदेशी धरती पर अपने दुश्मनों के खिलाफ लक्षित हत्याओं में अब तक 40 लोगों को निशाना बनाया जा चुका है.इस बीच, राजनाथ सिंह के 2018 और 2019 में दिए गए भाषण को भी दोहराया गया है ,आपको अवगत कराते चलें कि उस मौके पर राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में इस्लामाबाद को चेतावनी दी थी कि अगर उसने खुद कार्रवाई नहीं की तो ऐसी स्थिति पैदा हो जाएगी कि भारत पाकिस्तान के सारे आतंकी अड्डों को चुन चुन कर समाप्त कर देगा और कोई भी ताकत उसे रोक नहीं पाएगी, उन्होंने आगे कहा था कि, “अगर पाकिस्तान को लगता है कि उसके पास आतंकवाद से निपटने की ताकत नहीं है…तो वह दिल्ली से मदद मांग सकता है।” ”भारत ने कई मौकों पर दिखाया है कि वह न सिर्फ अपनी धरती से हमला करने की ताकत रखता है, बल्किन जरूरत पड़ने पर दुसरे देशों की धरती पर भी हमला कर सकता है.
द गार्जियन की रिपोर्ट में राजनाथ सिंह के 2019 के उस भाषण का भी जिक्र किया गया है जिसमे उन्होंने अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका की कार्रवाई की ओर इशारा किया था उन्होंने कहा था की “मै पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधान मंत्री इमरान खान से पूछना चाहता हूँ कि यदि अमेरिका के सहयोग से तालिबान से निपटा जा सकता है तो भारत के मदद से पाकिस्तान के आतंकवाद से क्यों नहीं निपटा जा सकता पाकिस्तान चाहे तो इस मुद्दे पर भारत से बेझिझक मदद मांग सकता है “