कृषि अध्यादेश इसको लोक सभा से पास करा लिया गया है, इस विधेयक को लागू होने के लिए राज्य सभा से पास कराना अनिवार्य है, यहां से इस अध्यादेश को पास कराना एनडीए सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल सरकार के इस फैसले के खिलाफ खड़ी है आपको मालूम होगा पिछले शुक्रवार को बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल की केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सरकार के इस कृषि अध्यादेश के खिलाफ खड़ी होकर मंत्री पद से स्तीफा दे दिया था, शिरोमणि अकाली दल के विरोध के चलते बीजेपी सरकार को सदन के अंदर और बाहर कई स्तर से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है ।
राजनाथ सिंह ने एनसीपी और शिवसेना को फोन कर मागा मदद
सरकार की कोशिश है कि कृषि से जुड़े तीनों विधेयकों को कैसे भी करके राज्यसभा में पास करा लिया जाए आपको बता दें कि बिल को पास कराने के लिए सरकार ने एड़ी से चोटी तक का दम लगा दिया है उसके लिए सरकार सभी विरोधी पार्टियों से बात कर रही है, सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार राजनाथ सिंह ने शिवसेना और एनसीपी को फोन कर सांसदों से समर्थन मागा है, संसद के ऊपरी सदन में सरकार का बहुमत नहीं है ऐसे में सरकार को विपक्षी पार्टियों के सहारे पर ही आश्रित रहना पड़ेगा ।
राज्यसभा में बीजेपी का आकड़ा
इस कृषि विधेयक को लेकर सरकार काफी आश्वस्त है कि इस बिल को राज्यसभा से पास करा लिया जाएगा, हालांकि की यह अभी भविष्य के गर्भ में छिपी हुई एक मंजिल है, सरकार के लिए इन विधेयकों को पास कराना इतना आसान काम नहीं है इन विधायकों के समर्थन में खड़ी पार्टियों के राज्यसभा में सांसदों की बात करें तो 245 सदस्यों की राज्यसभा में बीजेपी 86 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, हालांकि राज्यसभा में दो सीटें रिक्त हैं, ऐसे में सरकार अगर इन तीनों विधेयकों को राज्यसभा से पास कराना चाहती है तो सरकार को कम से कम 122 वोटों की जरूरत है ।
कौन सी पार्टी सरकार के समर्थन में और कौन सी पार्टी सरकार के विरोध में
सरकार के इस कृषि विधेयक के समर्थन में बीजू जनता दल के 9, एआईएडीएमके के 9, TRS के 7, वाईएसआर कांग्रेस के 6, टीडीपी के 1 और कुछ निर्दलीय सांसद हैं जिनके दम पर सरकार इन विधेयकों को पास करा सकती है,ये वही सांसद जिनका ना तो एनडीए में अस्तित्व है और ना ही यूपीए में अगर ये सभी सांसद इस विधेयक के समर्थन में सरकार का साथ दे देंगे तो बीजेपी के 86 सीटों के साथ यह आंकड़ा 130 तक पहुंच सकता है जिससे इन विधेयकों को राज्यसभा से आसानी से पास कराया जा सकता है।
इस विधेयक को लेकर सरकार काफी आस्वस्थ है कि इस बिल को आसानी से पास करा लिया जाएगा, राज्यसभा में 86 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है जबकि विपक्ष में 40 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, सरकार की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल सरकार के विपक्ष में वोट करेंगी इससे पहले शिरोमणि अकाली दल ने अपना रुख साफ कर दिया था कि सरकार के इस विधेयक के खिलाफ हैं, जाहिर है समाजवादी पार्टी आम आदमी पार्टी टीएमसी इतिहास पार्टियों के सभी सांसद सरकार के विरोध में अपना वोट करेंगे।