कांग्रेस पार्टी अपने कृत्यों के चलते तितर-बितर होती दिख रही है एक समय कांग्रेस की तूती बोलती थी परन्तु 2014 से भाजपा के सत्ता में आने से कांग्रेस पार्टी का अस्तित्व दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है जिसको लेकर कांग्रेसी नेता बहुत ही चिंतित है इसी मुद्दे को लेकर दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मांग किया है कि राहुल गांधी को तत्काल पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा राहुल गांधी हमारे आगामी प्रधानमंत्री हैं उनकी लोकप्रियता युवाओं के बीच दिन प्रतिदिन प्रचुर हो रही है इसलिए हम मांग करते हैं कि राहुल गांधी को तत्काल पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए |
आपको अवगत कराते चलें कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने मौजूदा राजनीतिक हालातों पर चर्चा के लिए रविवार यानी आज वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई .इस बैठक में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने और भविष्य में कुशल नीतियों पर आवश्यक मंथन हुआ .इस मैराथन बैठक में तीन प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया इनमें राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने का अनुरोध पारित किया गया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की गई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को दिल्ली में संगठन को मजबूत करने के लिए मिलजुल कर एक ताकत के साथ काम करना होगा तभी कांग्रेश मजबूत होगी.जारी बयान के मुताबिक दिल्ली और देश के बिगड़ते हालात ,मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों पर विचार विमर्श के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी कुमार ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रदेश कार्यालय में बुलाई .बैठक में मौजूद नेताओं ने तीन प्रमुख प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया |
इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और केजरीवाल की इस्तीफे ही इस्तीफे की भी मांग की गई
कांग्रेस के इस प्रस्ताव में राहुल गांधी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने साथ ही साथ दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा और दिल्ली की वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की माग की गई कांग्रेस की हमेशा से यही नीति रही है कि वह अपनी गलतियों पर पर्दे डालकर दूसरों की गलतियों को खंगालती है ,कांग्रेश जानती है नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का विकास सुचारू ढंग से हो रहा है ऐसे में कांग्रेस के पास कोई ठोस मुद्दा ना होने के चलते वह अच्छाई में ही बुराई खोजने की कोशिश करती है 26 जनवरी को उपद्रवियों ने जिस प्रकार से भारतीय तिरंगे का अपमान कर लाल किले पर एक विशेष धर्म के झंडे को लहराया जिससे देश के सभी नागरिक काफी आक्रोशित हैं परंतु कांग्रेस को उपद्रवियों का यह अछाम्य अपराध रास नहीं आया, उल्टा सरकार से ही दो-चार सवाल पूछ लिए आपको अवगत कराते चलें कि कांग्रेस हमेशा से आतंकियों उपद्रवियों के लिए सुरक्षा कवच का कार्य करती है , कांग्रेश सोच रही है कि हमारी नैया तो डूब चुकी है इसलिए सरकार से ही उल्टे सीधे सवाल कर अपने नैया को पार लगाने की कोशिस कर रही है,कांग्रेस की यह रणनीति तो इसी तरफ इशारा करती है |
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि राहुल गांधी जैसे गतिशील और शक्तिशाली नेता की देश को सख्त जरूरत है उनके नेतृत्व में सांप्रदायिक सत्तावादी व लोकतांत्रिक ताकतों का मुकाबला करके देश को विनाश के रास्ते से निकालकर विकास के रास्ते पर लाया जा सके प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने तीनों किसान विरोधी कृष कानूनों का संसद और संसद के जबरदस्त विरोध किया और कृष कानूनों को खत्म करने की मांग के लिए कांग्रेस पार्टी किसानों का समर्थन किया यह कानून देश के लिए विनाशकारी होंगे जबकि मोदी सरकार किसानों एवं मजदूरों के सीटों का गला घोट कर अपने पूंजीपति मित्रों का विकास कर रही है