न्यूज हाईलाइट |
गरीबी के चलते मनोज झा ने परिवार के सभी सदस्यों के साथ की खुदकुशी |
सभी लोगों ने एक साथ फांसी लगाकर की खुदकुशी |
कहते हैं गरीबी ओ दीमक होता है जो इंसान को धीरे धीरे खाकर कमजोर कर देता है,ठीक उसी तरह जिस तरह कोई लकड़ी कितनी भी मजबूत क्यों ना हो,जब दीमक लग जाता है तो वह लकड़ी एकदम निर्बल और बाद में एकदम खत्म हो जाती है,गरीबी में इंसान की भी वही हश्र होती है,किसी ने सच ही कहा है ।।
देने वाले किसी को गरीबी ना दे,मौत देदे मगर बदनसीबी न दे ।1।
गरीबी बड़ी बे मुरौबत है होती, गरीबी में बड़ी बदनसीहत है होती ।2।
कहते हैं कर्म प्रधान होता है जो जैसा कर्म करता है उसको फल भी वैसा ही मिलता है, लेकिन पूर्णतः सत्य नही है,कर्म के साथ साथ इंसान के साथ भाग्य का भी सहयोग होना चाहिए,अक्सर अपने देखा होगा की कुछ व्यक्ति थोड़े मेहनत से ही बहुत सारा धन अर्जित कर लेते हैं,और कुछ व्यक्तियों को अपार मेहनत के बाद भी कुछ भी नही मिलता,इसी विडम्बना को भाग्य कहते हैं ।
सरकार को एक योजना लॉन्च करनी चाहिए जिसके अंतर्गत गरीबों को चिन्हित कर सालाना या मासिक किस्त के रूप में कुछ सहयोग प्रदान करना चाहिए,जिससे गरीबों का कुछ कल्याण व उनको आत्महत्या करने से रोंका जा सके ।
गरीबी से ग्रसित एक बहुत ही हृदय विदारक घटना समस्तीपुर के विद्यापति नगर के मऊ धनेशपुर दक्षिण गांव के वार्ड संख्या 4 में घटित हुई है यह गरीबी के चलते एक सवर्ण ब्राह्मण परिवार ने अपने आपको हमेशा के लिए मुक्त कर लिया है ।
अब इस परिवार को गरीबी कभी भी परेशान नहीं कर सकती,दर असल परिवार के मुखिया मनोज झा किसी से 40 लाख रुपए कर्ज लिए थे,जिसको वो चुका नहीं पा रहे थे,कर्ज वाले उनको प्रताड़ित कर रहे थे,जिससे तंग आ कर मनोज झा (42 वर्ष),उनकी पत्नी सुंदरमणि देवी (38 वर्ष), मां सीता देवी (65 वर्ष), पुत्र सत्यम (10 वर्ष) और शिवम (7 वर्ष) ने सामूहिक खुदकुशी कर ली.
इस मामले में cm नीतीश कुमार के निर्देशानुसार समस्तीपुर पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है,और सामूहिक खुदकुशी के पहलुओं पर गंभीरता से जांच कर रही है,इस बाबत समस्तीपुर के डीएसपी ने कहा कि मामला प्रथम दृष्टया गरीबी के चलते खुदकुशी लग रहा है, डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम करवाई होगी .यदि इस घटना में किसी की संलिप्तता पाई जाती है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत कार्यवाही होगी ।
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