हलिया न्यूज़; मिर्जापुर जनपद ब्लॉक हालिया के अंतर्गत बबुरा कला गांव में राम प्रकाश शर्मा बहुत ही गरीब व्यक्ति हैं इनके घर में रोजी-रोटी चलाने का कोई भी चारा नहीं है, ये बकरी पालन करके अपना जीविकोपार्जन करते थे कहा जाता है कि जब भाग्य साथ नहीं होता है तो नाना प्रकार की विपत्तियां सम्मुख आ जाती हैं,इंसान सोना छूता है तो सोना होकर भी मिट्टी हो जाता है,और वहीं भाग्य अच्छा होने पर मिट्टी भी स्पर्श मात्र से स्वर्ण में परिवर्तित हो जाती है,कुछ ऐसा ही वाक्या राम प्रकाश शर्मा के साथ हुआ है, आज सुबह यानी रविवार तड़के 5बजे राम प्रकाश शर्मा ने अपनी बकरियों को जंगल में चरने के लिए छोड़ दिया, हालांकि दररोज राम प्रकाश शर्मा अपनी बकरियों के साथ जंगल में जाते उनको चराते और शाम को घर वापस लेकर आते थे, लेकिन कुछ काम की वजह से सुबह उन्होंने बकरियों को जंगल में ले जाकर छोड़ दिया और घर में आए हुए रिश्तेदारों के लिए चीनी व चाय पत्ती खरीदने के लिए दुकान पर चले गए, दुकान से सामान लाने के बाद जब वह अपने बकरियों के पास पुनः वापस गए तो बकरियां उन्हें जंगल में नहीं मिली,फिर राम प्रकाश शर्मा व्यथित होने लगे उनको चिंता सताने लगी कि हमारी बकरियां नहीं दिख रही हैं इन्हें कोई चोर चुरा कर ले गया या किसी जानवर ने अपना नेवाला बना लिया ,व्यथित मन से बेचारे इधर-उधर 2 तक घंटे बकरियों को ढूंढे, पर बकरियों का कोई सुराग नहीं मिला फिर वो थक हारकर घर वापस आ गए,घर आने के बाद सारी बात उन्होंने अपनी पत्नी व बच्चों से बताया, रामप्रकाश की बातें सुनकर पत्नी व बच्चे भी परेशान होने लगे, सभी मिलकर जंगल गए और बकरियों को ढूंढने का प्रयास किया, थोड़ी दूर ढूंढने के बाद के बाद उन्हें दो बकरियों का अवशेष मिला, बकरियों का पैर व सर देखकर राम प्रकाश शर्मा पहचान गए कि ये हमारी ही बकरियां है फिर कुछ दूर और जाने के बाद सभी सभी 6 बकरियों के अध खाए हुए शव बरामद हुए, अपनी इतनी छति देखकर राम प्रकाश शर्मा छाती पीट कर रोने लगे, और और रोते भी क्यों ना क्योंकि इनके कमाई का जरिया यही बकरियां ही थीं इन्हीं बकरियों के माध्यम से उनका व सम्पूर्ण परिवार का जीविकोपार्जन होता था ।
ग्रामीणों ने बताया की इन बकरियों को बाघ और बाघिन ने बनाया नेवाला
जंगल के आसपास रहने वाले आदिवासियों ने बताया कि ऐसी एक दो घटनाएं एक 2 वर्ष पूर्व भी घटित हो चुकी हैं वहां के रहिवासी भैरव लाल आदिवासी ने बताया कि इस जंगल में गुजरात से लाए हुए बाघ और बाघिन रहते हैं ,यह दोनों जंगल की सुरक्षा के लिए लाए गए थे भैरव लाल ने बताया कि हम लोगों ने बकरियों को जाकर प्रत्यक्ष से देखा बकरियों को जिस प्रकार से खाया गया था, वह स्पष्ट रूप से समझ में आ रहा था कि इन बकरियों को बाघ और बाघिन ने ही नेवाला बनाया है , भैरव लाल ने आगे बताया कि 2 वर्ष पूर्व हमारी भी दो बकरियां इसी जंगल में गायब हो गई थीं बहुत ढूंढने के बाद भी पता नहीं चल सका था, फिर गांव के ही एक व्यक्ति को बकरियों का कंकाल दिखाई दिया था, सूचना मिलने के बाद हम भी घटना स्थल पर गए और हमने भी देखा,जिस प्रकार से जंगल में बाघ और बाघिन का तांडव ब्याप्त हो रहा है,यह वाकई में चिंता का विषय है,हम यहां के अधिकारियों और नेताओं से अनुरोध करते हैं की इसके विषय में गहनता से ध्यान देने की आवश्यकता है,हमारा मुख्य व्यवसाय भेड़ और बकरियों के पालने का ही है,अगर इसी प्रकार से हमारे पशुओं की छती होगी तो हम लोगों का गुजारा कैसे हो सकेगा ।
ग्राम प्रधान ने उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया
प्रकाश की स्थिति बहुत ही दयनीय है,परिवार में पत्नी 4बेटी और दो बेटे हैं परिवार का जीविकोपार्जन का प्रमुख माध्यम बकरी पालन ही है, राम प्रकाश शर्मा के इस अपार छती को देखते हुए वहां के ग्राम प्रधान पंकज सिंह ने विधायक राशि से उचित मुआवजा दिलाने की बात कही है, ।
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