बलिया गोलीकांड का प्रमुख आरोपी धीरेंद्र सिंह (Dhirendra Pratap Singh) अब तक पुलिस की पकड़ से दूर है, जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे पुलिस आरोपियों पर इनाम राशि बढ़ा रही है. बलिया पुलिस ने सभी आरोपियों के इनाम राशि को 25000 से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया है. इस गोली कांड में अभी तक आठ नामजद और 25 अज्ञात आरोपियों में से सिर्फ 7 की ही गिरफ्तारी हो पाई है. और इनमें सिर्फ दो ही नामजद आरोपी शामिल है बाकी नामजद आरोपियों का कोई पता पता ठिकाना नहीं है ।
बलिया पुलिस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस की 10 स्पेशल टीमें जगह-जगह दबिश दे रही हैं. आरोपियों पर घोषित ₹25 हजार की इनाम राशि को बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है. इस मामले में अभी तक दो नामजद आरोपी देवेंद्र प्रताप सिंह तथा नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया है. ये दोनों इस मामले में संलिप्त प्रमुख आरोपी धीरेंद्र सिंह के भाई हैं. बलिया पुलिस ने आगे बताया कि फरार मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह सेना का रिटायर्ड जवान है और वह भूतपूर्व सैनिक संगठन की बैरिया तहसील का इकाई अध्यक्ष भी है. उत्तर प्रदेश पुलिस की 10 स्पेशल टीमें डिजिटल एवं जमीनी सबूतों के आधार पर आरोपियों की तलाश कर रही है. सभी आरोपियों के नंबर को सर्विलांस पर रखा गया है. जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी होगी ।
विपक्ष जमकर कर रहा है राजनीति
इस गोली कांड को लेकर प्रदेश में जमकर सियासत देखी जा रही है. आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह की बीजेपी से नज़दीकियों की बात सामने आने के बाद विपक्ष योगी सरकार पर जमकर हमला कर रहा है. आरोपी के सत्ताधारी दल से जुड़े होने के कारण समाजवादी (SP) पार्टी,कांग्रेस बहुजन समाजवादी (BSP) पार्टी बीजेपी को घेरने में जुटी है. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के नेता तथा पूर्व विधायक जयप्रकाश अंचल(Jay Prakash Anchal) और कांग्रेस के नेता श्री मिश्रा(Shree Mishra) ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की । जिसके बाद बलिया बीजेपी जिला अध्यक्ष ने सफाई दी कि धीरेंद्र प्रताप सिंह पार्टी में किसी पद पर भी कार्यरत नहीं है, आरोपी का भारतीय जनता पार्टी से कोई लेना देना नहीं है।
बीजेपी विधायक ने कहा धीरेंद्र प्रताप सिंह बीजेपी का कार्यकर्ता था
बलिया जिला अध्यक्ष की सफाई के उपरांत अगले ही दिन क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह(Surendra Singh) ने यह स्वीकार किया कि धीरेंद्र प्रताप सिंह (Dheerendra Pratap Singh) पार्टी का कार्यकर्ता था. आगे सुरेंद्र प्रताप सिंह (Surendra Pratap Singh ) ने कहा कि फायरिंग की घटना दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है. इस फायरिंग में धीरेंद्र के पिता और अन्य परिजन भी घायल हुए हैं।
बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह के बेटे विद्या भूषण सिंह हजारी(Vidya Bhushan Singh Hajari) ने फेसबुक के जरिए योगी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि, योगी जी अब बर्दाश्त के बाहर हो रहा है. आपके प्रेरणा पर आपका प्रशासन हम पर अत्यंत अत्याचार कर रहा है . अगर ये अत्याचार कम नहीं हुए तो मजबूरन हम सड़क पर उतरेंगे ।
एक नजर पूरे मामले पर
उल्लेखनीय है कि बलिया के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में 15 अक्टूबर को दोपहर पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की मौजूदगी में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस वारदात को उस समय अंजाम दिया गया जब कोटा की दुकान के लिए एसडीएम (SDM) और सीओ की मौजूदगी में गांव में बैठक चल रही थी. मामले का प्रमुख आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह है जो अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है. आरोपी धीरेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 10 स्पेशल टीमें लगाई गई हैं ।