भारत में हुई कोरोना से मौतों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (W,H,O) सवालों के घेरे में आ गया है दरअसल Who ने भारत में कोविड-19 से मौतों का आंकड़ा जो जारी किया है वह बहुत ही संदेहास्पद और विचित्र लग रहा है, भारत ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन(Who) का आंकड़ा सही नहीं है, हम इसका पुरजोर खंडन करते हैं भारत के कई आला अधिकारियों ने कहा कि यह आंकड़ा डब्ल्यूएचओ का हो ही नहीं सकता, इसमें चीन की संलिप्तता हो सकती है ।
डब्ल्यूएचओ ने कोविड से हुई मौतों को लेकर एक आंकड़ा जारी किया है, जिसमें समुचित इलाज उपलब्ध न होने के कारण दुनिया में पिछले 2 सालों में में 1.05 करोड़ मौतें हुई हैं, वहीं भारत में पिछले 2 सालों के अंतर्गत 47 लाख लोगों की मौतें हुई है. जो की भारत के ऑफिशियल आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा है, इस समय चीन के ऊपर डब्ल्यूएचओ बहुत ही नरम रवैया रख रहा है, ऐसे में चीन और डब्ल्यूएचओ के ऊपर संदेह होना लाजमी है ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) और चीन पर डोनाल्ड ट्रंप ने भी जाहिर की थी आशंका.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और डब्ल्यूएचओ के रवैए पर सवाल उठाया था, ट्रंप को शक था कि चीन अपने लैब में covid-19 वायरस को तैयार किया है जिसके लिए ट्रंप ने एक जांच कमेटी बनाई थी जांच कमेटी चीन के वुहान शहर भी गई, इस कमेटी में चीन के ही तीन वैज्ञानिक थे, जिससे जांच प्रक्रिया बाधित हुई और कोविड-19 के ओरिजिन का पता नहीं चल पाया था ।
वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई कौन नहीं जानता है भारत ने जिस प्रकार से covid-19 के खिलाफ बेहतर प्रबंधन किया जिसकी प्रशंसा पूरा विश्व कर रहा है, डब्ल्यूएचओ के ऊपर कोविड-19 के शुरुआत से ही चीन के दबाव में कार्य करने का आरोप लगता रहा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (who) को covid 19 के स्रोत का पता लगाने की जिम्मेदारी मिली थी, आज तक डब्ल्यूएचओ जानते हुए भी नहीं कह पाया कि कोविड-19 का जन्म चीन के वुहान शहर में हुआ था जिससे भारतीय एक्सपर्ट मान रहे हैं कि जो यह आंकड़ा आया है कहीं न कहीं इसके पीछे चीन की संलिप्तता हो सकती है ।